Tuesday, May 6, 2008

शबनम

अश्कों1 से तर था बिस्तर,
देखा- आँखें पुरनम2 थी.
रात भर रोते रहे थे शायद,
हाँ सचमुच, वो शब3 नम थी.


बिस्तर की सिलवटों ने बताया,
करवटों में हुई रात ख़त्म थी.
अश्कों में झलकी जो एक तस्वीर,
ख़याल आया- वो 'शबनम4' थी.


1. आँसुओं 2. भिंगा हुआ 3. रात 4. ओस


1 comment:

PD said...

ये शबनम कौन है मेरे भाई?? :)