ग़म क्या है तुझको, देखो- मुझे दे दो ना...
रूठी खुद से हो कि खफा हो जिंदगी से
छोड़ो भी ना, मिलता क्या है यहाँ बँदगी से
जो हुआ, हुआ - अब जाने दो ना...
आओ ना- तमन्ना की राह पर चलेंगे मिलके
खुली फ़िज़ा में साथ उड़ेंगे दो पंछी दिल के
आओ ना साथ मेरे, आसमाँ छू लो ना...
उठो, हँसो, खिलो, निखरो- फूल की तरह
क्यों बिखरती हो यूँ सहरा के धूल की तरह
आओ आज मुट्ठी में सारा आकाश भर लो ना...
टिमटिमाती लौ सी तुम, इक प्यास सी तुम
क्यों बैठी हो इस तरह उदास सी तुम
बिखेरो हँसी, चेहरे पर उजास कर लो ना...