उदास आँखों का ख़्वाब
बारहा सन्नाटों की आवाज़
ग़ज़ल बन जाती है...!!!
Tuesday, May 6, 2008
इन दिनों
दूर कहीं वादियों में
फूल खिलते हैं
महक आती है
मेरी साँसों में
और पागल-सा
हो जाता हूँ मैं
ये क्या हालत है मेरी
इन दिनों?
दिल के वीरानों में
गूँजती है सदा
1
खनकती है
किसी की हँसी
और घायल-सा
हो जाता हूँ मैं
ये क्या हालत है मेरी
इन दिनों?
1. आवाज़, शब्द, प्रतिध्वनि
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