Wednesday, May 21, 2008

अपना निशाँ नहीं रहेगा...

ये धरती वही रहेगी, आसमाँ वही रहेगा
मगर ऐ दोस्त, अपना निशाँ1 नहीं रहेगा


कुछ दूर तक चलकर गुम हो जायेंगे नक्शे-पा2
जिंदगी का सिलसिला यूँ ही रवाँ3 नहीं रहेगा


अधूरे अरमाँ4 कुछ, कुछ राजे-दिल5 जाहिरो-निहाँ6
वक्ते-रुखसत7 साथ कुछ और सामाँ नहीं रहेगा


रोशन राहों पर मचलकर उठेंगे शोख8 क़दम कई
उनकी मंजिल मगर अपना आशियाँ9 नहीं रहेगा


पुकार लिया करेंगी हमें खामोशियाँ कुछ लबों की
हर दिल में तो हमारी याद का कारवाँ10 नहीं रहेगा



1. चिह्न 2. पदचिह्न, पाँवों के निशान 3. जारी, चलता हुआ 4. इच्छा, चाह 5. दिल के रहस्य 6. प्रकट और छुपा हुआ 7. प्रस्थान के समय 8. चँचल, चपल 9. घर 10. समूह, काफ़िला


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