Friday, July 3, 2009

मुहब्बत के ये पल...

मुहब्बत के ये पल याद रखना
हम हों ना हों कल, याद रखना

तन्हाई में जब कभी आयेगा ख़याल
भीगेंगे आँखों के कँवल, याद रखना

मेरी दुनिया, मेरी ज़िंदगी- तुम्हीं से
हुई है मुकम्मल, याद रखना

पहनोगे जब भी मेरी यादों के लिबास
हवा उड़ाएगी आँचल, याद रखना

मैं याद रखूँगा ये शोखियाँ तुम्हारी
तुम भी मेरे आँसू चंचल, याद रखना


6 comments:

ओम आर्य said...

बहुत ही खुशनुमा ख्याल है भाई जिन्दगी ऐसे ही पल याद रह जाते है ..................यह मेरी बात आप भी याद रखना.........मन को छू लिया .........

महेन्द्र मिश्र said...

मुहब्बत के ये पल याद रखना
हम हों ना हों कल, याद रखना

बहुत बढ़िया भावपूर्ण रचना . बधाई.

Arvind Kumar said...

bahut dino baad aapki rachna padhne ko mili..... bahut achha laga..

दिगम्बर नासवा said...

तन्हाई में जब कभी आयेगा ख़याल
भीगेंगे आँखों के कँवल, याद रखना

मन को छू लिया ...... Lajawaab gazal

अनिल कान्त said...

bahut achchha likhte ho bhai

Pushpendra Singh "Pushp" said...

बहुत सुन्दर रचना
बहुत बहुत बधाई .....