Sunday, June 1, 2008

आ, कि जरा देर रो लें हम

वफ़ा की वफात1 पर
इस हजीं2 वारदात3 पर
आ, कि जरा देर रो लें हम

कल को आँखें तरस ना जाएँ
बूँदें शायद फ़िर बरस ना पायें
अश्कों की बारिश में दिल को
क्यों न आज भिंगों लें हम
आ, कि जरा देर रो लें हम

स्याही4 चेहरे पर दर्द की
कई दिन से है बिखरी हुई
चलो जतन कोई करें मिलकर
ये रंग चेहरे का धो लें हम
आ, कि जरा देर रो लें हम

बेकसी5 है, तरावट6 नहीं
किसी के आने की आहट नहीं
इस उदासी को, इस खामोशी को
रूह7 की पहनाई8 में समो लें हम
आ, कि जरा देर रो लें हम


रूह भी, जिस्म9 भी
थक गया साँसों का तिलिस्म10 भी
मसरूफियों11 को कर दें दरकिनार12
मिलकर गले चार पल सो लें हम
आ, कि जरा देर रो लें हम

सारे अरमाँ ख़ाक13 हो चले
हम फिर से खाली हाथ हो चले
चंद कलियाँ निशात14 की चुराएँ
ख्वाब थोड़े-से फिर संजो लें हम
आ, कि जरा देर रो लें हम

कुछ ज़ख्म तेरे भी
कुछ ज़ख्म हैं पास मेरे भी
ज़ख्म दोनों के दूर-दूर क्यों रहें
दर्द है एक जैसा, साथ पिरो लें हम
आ, कि जरा देर रो लें हम

इस गमे-हयात15 पर
दिल और दर्द के ताल्लुकात16 पर
आ, कि जरा देर रो लें हम

1. मौत, मृत्यु 2. शोकपूर्ण 3. दुर्घटना 4. कालिमा 5. बेचैनी, विकलता 6. ताजगी 7. आत्मा 8. विस्त्रितता, विस्तार 9. शरीर 10. इन्द्रजाल, जादू 11. व्यस्तताओं 12. अलग, एक तरफ 13. राख 14. सुख, आनंद 15. जीवन के दुःख 16. संबंध


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