देखेंगे हर चेहरे में तेरा चेहरा ईजाद करके
और करेंगे भी क्या तेरे बगैर हम
बैठे रहेंगे मुद्दतों दिल नाशाद करके
वक्ते-बेरहम से किया करेंगे सवाल
क्या मिला उसे यूँ हमें बरबाद करके
जीस्ते-नाशाद को बहलाएँगे तो कैसे
मिलेगा भी क्या किसी से फरियाद करके
चाहा था साथ तुम्हारे मुस्कुराना, मगर
अश्क पाया हमने तुम पर एतमाद करके
तेरी क़ुर्बत के सिवा और किसी शै में
असर कहाँ, कि जाए हमें शाद करके
चले जा रहे हो और ही जहाँ में तुम
ग़मे-फिराक सीने पर हमारे लाद करके
और हमारी जिंदगी में अब बचा ही क्या
बस एक बारे-ग़मे-जिंदगी को बाद करके
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